भारत रत्न पुरस्कार हमारे देश (Bharat / India) का एक ऐसा सम्मान है; जो राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। यह सम्मान हमारे देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। क्या आप जानते हैं? इसकी शुरुआत कब और किसके द्वारा की गई थी? पहली बार यह पुरस्कार किसे दिया गया था? इस पुरस्कार के लिए कौन-कौन से प्रावधान हैं? इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले विजेता को सम्मान के रूप में क्या दिया जाता है? 1954 से 2023 तक कुल कितने भारत रत्न पुरस्कार दिए जा चुके हैं? अगर नहीं जानते; तो दोस्तों, बेफिक्र हो जाइए। आज की इस पोस्ट में हम आपको Bharat Ratn Purskar के बारे में संपूर्ण जानकारी के साथ-साथ विजेताओं की सूची से भी रूबरू करा रहे हैं।
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भारत रत्न पुरस्कार जानकारी एवं विजेताओं की सूची |
भारत रत्न जानकारी
2 जनवरी 1954, भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री. राजेंद्र प्रसाद जी द्वारा देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान "भारत रत्न" की स्थापना की गई थी। यह पुरस्कार राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल आदि यह वही सेवाए हैं; जिसमे सर्वोच्च योगदान देने वाले महानुभावों को यह सम्मान दिया जाता है। सन 1954 से अब तक (2023) कुल 48 महानुभावों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
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भारत रत्न जानकारी |
भारत रत्न प्राप्तकर्ता को मिलने वाला लाभ
इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाला व्यक्ति देश के लिए वेरी इंपोर्टेंट पर्सन (VIP) होता है। इसी के साथ पुरस्कार प्राप्तकर्ता को कैबिनेट मंत्री के बराबर दर्जा मिलता है। प्रोटोकॉल में, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उप प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा स्पीकर, कैबिनेट मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता के बाद उसका स्थान होता है।
भारत रत्न सम्मान प्राप्त करने वाले व्यक्ति को इनकम टैक्स न भरने की छूट दी जाती है। इसी के साथ वह संसद की बैठकों और सत्र में भाग ले सकते हैं। गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रमों में विशेष अतिथि के तौर पर उपस्थित रह सकते हैं। इन्हें हवाई जहाज ट्रेन या बस में निशुल्क यात्रा की छूट दी जाती है। अगर भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति किसी दूसरे राज्य में घूमने जाता है; तो उसे राज्य अतिथि का दर्जा दिया जाता है। हालांकि, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 18 (1) के अनुसार इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाला व्यक्ति अपने नाम के उपसर्ग या प्रत्यय के रूप में ''भारत रत्न'' का उपयोग नहीं कर सकता है। इसके बजाय वह अपने बायोडाटा, विजिटिंग कार्ड या लेटर हेड में ''राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित भारत रत्न'' या ''भारत रत्न पुरस्कार प्राप्त कर्ता''आदि लिख सकता है।
भारत रत्न की घोषणा और पदक संरचना
किसी भी विशिष्ट वर्ष में इस पुरस्कार को किसे दिया जाना चाहिए। इसकी सिफारिश प्रधानमंत्री द्वारा की जाती है। हालांकि, यह पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है। जिस वर्ष भारत रत्न पुरस्कार के लिए सम्मानित व्यक्तियों को चुना जाता है। उसकी घोषणा 26 जनवरी को की जाती है। इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले महानुभावों को पीपल की पत्ती के आकृति वाला पदक और प्रशस्ति पत्र सम्मान के तौर पर दिया जाता है। आपको यह बात पता होना चाहिए कि, भारत रत्न प्राप्त करने वाले विजेता को मौद्रिक अनुदान (monetary grant) नहीं दिया जाता। इसी के साथ पीपल की पत्ती के आकृति वाला पदक (Bharat Ratn) हमारे देश के पश्चिम बंगाल राज्य के अलीपुर में बनाया जाता है।
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भारत रत्न की घोषणा और पदक संरचन |
दोस्तों शुरुआती दौर में भारत रत्न पुरस्कार विजेता को दिया जाने वाला पदक 35 मिलीमीटर गोलाकार सोने से बना हुआ होता था। जिसके सामने की तरफ सूर्य बना हुआ था और ऊपर देवनागरी लिपि में "भारत रत्न" लिखा हुआ था। पदक पर नीचे की तरफ पुष्पों का हार बना हुआ था। पीछे की तरफ राष्ट्रीय चिन्ह (अशोक के स्तंभ की अनुकृति) और ध्येय वाक्य लिखा हुआ था। हालांकि, इसे बाद में बदल दिया गया।
वर्तमान में भारत रत्न पुरस्कार विजेता को दिया जाने वाला पदक कांस्य से बना पीपल की पत्ती के आकृति वाला होता है। इस पदक के सामने वाले भाग में सूर्य की आकृति तथा नीचे देवनागरी लिपि में ''भारत रत्न'' अंकित होता है। इसके पिछले भाग में राष्ट्रीय प्रतीक (अशोक के स्तंभ की अनुकृति) और नीचे ध्येय वाक्य (सत्यमेव जयते) अंकित किया गया होता है। इस पदक के किनारों को प्लैटिनम से बनाया जाता है। यह पदक 5.8 सेंटीमीटर लंबा, 4.7 सेंटीमीटर चौड़ा और 3.1 मिलीमीटर मोटा होता है। पुरस्कार विजेता को इस तरह का पदक सफेद धागे के साथ गले में पहनाया जाता है।
भारत रत्न प्राप्त करने वाले विजेताओं का संक्षिप्त विवरण
इस पुरस्कार को सर्वप्रथम चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, सर्वपल्ली राधाकृष्णन और सी. वी. रमन को दिया गया था। क्योंकि यह पुरस्कार 1 वर्ष में अधिकतम तीन लोगों को ही दिया जा सकता है। इस बात का कोई लिखित प्रावधान नहीं है कि, भारत रत्न पुरस्कार को प्रतिवर्ष दिया जाना चाहिए। इसीलिए ऐसे कई वर्ष हैं; जिनमें भारत रत्न पुरस्कार कुछ न कुछ कारणों की वजह से नहीं दिया गया है। जैसे कि 2020 से 2022 तक कोविड-19 के चलते इस पुरस्कार को किसी को भी नहीं दिया गया। वर्ष 2023 में भारत रत्न किसी को भी प्राप्त नहीं हुआ। हालांकि, वर्ष 2019 में यह पुरस्कार नानाजी देशमुख (मरणोपरांत), प्रणव मुखर्जी और भूपेन हजारिका (मरणोपरांत)को दिया गया।
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भारत रत्न पुरस्कार प्रथम (1954) तथा वर्त्तमान (2019) |
दोस्तों जब इस पुरस्कार की स्थापना की गई थी। तब इस पुरस्कार को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था। इस प्रावधान को वर्ष 1955 में जोड़ा गया। उसके पश्चात पहली बार लाल बहादुर शास्त्री को सन 1966 में पहला मरणोपरांत भारत रत्न पुरस्कार दिया गया। वर्ष 2023 तक कुल 14 व्यक्तियों को यह पुरस्कार मरणोपरांत दिया गया है।
भारत रत्न भले ही भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। लेकिन, ऐसा कहीं भी लिखित प्रावधान नहीं है कि, यह पुरस्कार केवल भारतीय नागरिकों को ही दिया जाना चाहिए। इसीलिए वर्ष 1987 में पहले गैर भारतीय खान अब्दुल गफ्फार खान को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया तथा दूसरी बार 1990 में नेल्सन मंडेला को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। यानी अब तक कुल 2 गैर भारतीय लोगों को यह पुरस्कार दिया जा चुका है।
इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाली पहली महिला इंदिरा गांधी हैं। जिन्हें 1971 में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनके अलावा यह पुरस्कार कुल 4 महिलाओं को दिया गया। जिनमें मदर टेरेसा, अरुणा असाफ़ अली, एम. एस. सुब्बूलक्ष्मी और लता मंगेशकर शामिल है। इसका तात्पर्य है कि, इतिहास में अब तक 5 महिलाओं को भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
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भारत रत्न प्राप्त करने वाली महिलाएं |
दोस्तों भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अब्दुल कलाम आजाद भारत रत्न की चयन समिति में कार्यरत थे। जब उन्हें भारत रत्न देने की बात कही गई। तब उन्होंने इससे साफ मना कर दिया और कहा कि, "चयन समिति में जो व्यक्ति कार्यरत है; उसे इस पुरस्कार को नहीं दिया जाना चाहिए। हालांकि, इसके बाद वर्ष 1992 में उन्हें मरणोपरांत यह पुरस्कार दिया गया।
वर्ष 2011 से पूर्व खेलकूद क्षेत्र में असाधारण उपलब्धि हासिल करने वाले खिलाड़ियों को भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया जाता था। कुछ संशोधन के बाद वर्ष 2011 के बाद खेलकूद क्षेत्र में भी भारत रत्न पुरस्कार दिया जाने लगा। पहली बार खेलकूद क्षेत्र में यह पुरस्कार सचिन तेंदुलकर (2014 - उम्र 40) को दिया गया और अब तक इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले सबसे कम कम उम्र के व्यक्ति वही हैं। इसी के साथ सबसे अधिक उम्र में भारत रत्न प्राप्त करने वाले व्यक्ति डी. के. कर्वे हैं। उन्हें 100 वर्ष की आयु में यह सम्मान दिया गया।
भारत रत्न पर संकट का समय और पुरस्कार वापसी की घटना
दोस्तों यह पुरस्कार बहुत विवादित भी रहा है। वर्ष 1977 में जब जनता पार्टी की सरकार थी। तब प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई द्वारा 13 जुलाई 1977 को इस पुरस्कार पर रोक लगा दी गई थी। हालांकि, 1980 में जब कांग्रेस की सरकार सत्ता में आयी। तब इस पुरस्कार को एक बार फिर से शुरू किया गया। यह सिलसिला यहीं नहीं रुका, वर्ष 1992 में जब सुभाष चंद्र बोस को उनके मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया तब भारत रत्न पुरस्कार की वैधता को लेकर प्रश्न उठाए गए। सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दाखिल की गई। इस वजह से वर्ष 1992 से लेकर 1995 तक इस पुरस्कार से किसी को सम्मानित नहीं किया जा सका। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के पश्चात भारत रत्न के इतिहास में पहली बार यह पुरस्कार किसी को (नेताजी सुभाषचन्द्र बोस) दिए जाने के बाद वापस ले लिया गया और एक बार फिर से भारत रत्न पुरस्कार देने की शुरुआत की गई।
दोस्तों अब तक हमने आपको भारत रत्न के बारे में लगभग सभी जानकारी दे दी है अब हम आपको नीचे भारत रत्न पुरस्कार के लिए कुछ प्रावधान बता रहे हैं।
भारत रत्न पुरस्कार के लिए प्रावधान
- यह जरूरी नहीं कि, भारत में प्राप्त करने वाला व्यक्ति भारत का नागरिक होना चाहिए।
- यह मानव प्रयास के किसी भी क्षेत्र में असाधारण सेवा/सर्वोच्च क्रम के प्रदर्शन की मान्यता में प्रदान किया जाता है।
- जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेद के बिना कोई भी व्यक्ति इन पुरस्कारों के लिए पात्र है।
- वर्ष 1955 के बाद - यह पुरस्कार मरणोपरांत दिया जा सकता है।
- भारत रत्न के लिए सिफारिश स्वयं प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति को की जाती है। इसके लिए किसी औपचारिक सिफारिश की आवश्यकता नहीं है।
- पुरस्कार में कोई मौद्रिक अनुदान नहीं होता है
- संविधान के अनुच्छेद 18 (1) के संदर्भ में, पुरस्कार प्राप्तकर्ता के नाम के आगे या प्रत्यय के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। तथापि, यदि कोई पुरस्कार विजेता इसे आवश्यक समझता है, तो वह अपने बायोडाटा/लेटरहेड/विजिटिंग कार्ड आदि में निम्नलिखित अभिव्यक्ति का उपयोग यह दर्शाने के लिए कर सकता है कि वह पुरस्कार का प्राप्तकर्ता है: 'राष्ट्रपति द्वारा भारत रत्न से सम्मानित' या 'भारत रत्न पुरस्कार के प्राप्तकर्ता'
- 1 वर्ष में केवल तीन ही महानुभावों को भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जा सकता है।
- वर्ष 2011 के बाद - खेलकूद क्षेत्र में असाधारण उपलब्धि हासिल करने वाले खिलाड़ियों को भी भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा।
भारत रत्न पुरस्कार विजेताओं की सूची 1954 से 2023 तक
यहां ध्यान दें : वर्ष 2020, 2021, 2022, कोविड-19 की वजह से भारत रत्न पुरस्कार को किसी को भी नहीं दिया गया। वर्ष 2023 में यह पुरस्कार किसी को नहीं दिया गया।
अनु.क्र | भारत रत्न सम्मान प्राप्तकर्ता | वर्ष |
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48 | नानाजी देशमुख (1916-2010)-(मरणोपरांत) समाजसेवी, पूर्व में भारतीय जनसंघ के नेता |
2019 |
47 | भूपेन हजारिका (1926-2011)-(मरणोपरांत) गीतकार, संगीतकार और गायक, असमिया भाषा के कवि, फिल्म निर्माता, लेखक और असम की संस्कृति और संगीत के अच्छे जानकार |
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46 | प्रणब मुखर्जी (जन्म 1935) देश के 13वें राष्ट्रपति, वित्त मंत्री, विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री, भारतीय योजना आयोग के उपाध्यक्ष |
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45 | महामना मदन मोहन मालवीय (1861-1946)-(मरणोपरांत) शिक्षाविद, समाज सुधारक |
2015 |
44 | अटल बिहारी वाजपेयी (1924-2018) देश के 11वें प्रधानमंत्री, राजनेता |
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43 | सचिन तेंदुलकर (जन्म 1973) भारतीय पूर्व क्रिकेटर |
2014 |
42 | प्रो. सी.एन.आर. राव (जन्म 1934) वैज्ञानिक व केमेस्ट्री के विशेषज्ञ |
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41 | पं.भीमसेन जोशी (1922-2011) शास्त्रीय गायक |
2008 |
40 | उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ां (1916-2006) शहनाई वादक |
2001 |
39 | लता मंगेशकर (जन्म 1929) पार्श्व गायिका |
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38 | गोपीनाथ बोरदोलोई (1890-1950)-(मरणोपरांत) स्वतंत्रता सेनानी, असम के मुख्यमंत्री (1938) |
1999 |
37 | अमर्त्य सेन (जन्म 1933) नोबेल पुरस्कार विजेता, अर्थशास्त्री |
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36 | पंडित रविशंकर (1920-2012) सितार वादक |
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35 | लोकनायक जयप्रकाश नारायण (1902-1979)-(मरणोपरांत) स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ |
1998 |
34 | चिदम्बरम सुब्रमण्यम (1910-2000) स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, कृषि मंत्री |
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33 | एम. एस. सुब्बालक्ष्मी (1916-2004) शास्त्रीय संगीत गायिका |
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32 | अरुणा आसिफ अली (1909-1996)-(मरणोपरांत) स्वतंत्रता संग्राम सेनानी |
1997 |
31 | गुलजारीलाल नंदा (1898-1998) दो बार कार्यवाहक प्रधानमंत्री, स्वतंत्रता सेनानी |
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30 | ए.पी.जे. अब्दुल कलाम (1931-2015) देश के 11वें राष्ट्रपति, वैज्ञानिक |
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29 | सत्यजीत रे (1921-1992) फिल्म निर्माता, निर्देशक |
1992 |
28 | जे. आर. डी. टाटा (1904-1993) देश के जाने माने उद्योगपति |
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27 | मौलाना अबुल कलाम आज़ाद (1888-1958)-(मरणोपरांत) देश के प्रथम शिक्षा मंत्री, स्वतंत्रता सेनानी |
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26 | मोरारजी रणछोड़जी देसाई (1896-1995) देश के पांचवें प्रधानमंत्री, स्वतंत्रता सेनानी |
1991 |
25 | सरदार वल्लभ भाई पटेल (1875-1950)-(मरणोपरांत) देश के पहले गृहमंत्री, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी |
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24 | राजीव गांधी (1944-1991)-(मरणोपरांत) देश के सातवें प्रधानमंत्री |
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23 | नेल्सन मंडला (1918-2013)-[दूसरे गैर-भारतीय] नोबेल पुरस्कार विजेता, रंगभेद विरोधी आंदोलन के नेता |
1990 |
22 | डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर (1891-1956)-(मरणोपरांत) भारतीय संविधान के वास्तुकार, राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री |
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21 | मरुदुर गोपाला रामचन्दम (1917-1987)-(मरणोपरांत) अभिनेता, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री |
1988 |
20 | खान अब्दुल गफ्फार खान (1890-1988)-[पहले गैर-भारतीय] स्वतंत्रता सेनानी, प्रथम अभारतीय |
1987 |
19 | आचार्य विनोबा भावे (1895-1982)-(मरणोपरांत) स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, समाज सुधारक |
1983 |
18 | मदर टेरेसा (1910-1997) नोबेल पुरस्कार विजेता, मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी की स्थापना की। |
1980 |
17 | के. कामराज (1903-1975)-(मरणोपरांत) प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ, तीन बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे। |
1976 |
16 | वराहगिरी वेंकट गिरी (1894-1980) देश के चौथे राष्ट्रपति, श्रमिक संघवादी |
1975 |
15 | इंदिरा गांधी (1917-1984) देश की चौथी प्रधानमंत्री |
1971 |
14 | लाल बहादुर शास्त्री (1904-1966)-(मरणोपरांत) देश के तीसरे प्रधानमंत्री, स्वतंत्रता सेनानी |
1966 |
13 | डॉ. पांडुरंग वामन काणे (1880-1972) संस्कृत के एक विद्वान् एवं प्राच्यविद्याविशारद |
1963 |
12 | डॉ. जाकिर हुसैन (1897-1969) देश के तृतीय राष्ट्रपति |
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11 | डॉ. राजेन्द्र प्रसाद (1884-1963) प्रथम राष्ट्रपति, स्वतंत्रता सेनानी, विधिवेत्ता,भारत रत्न सम्मान के जनक |
1962 |
10 | पुरुषोत्तम दास टंडन (1882-1962) स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और शिक्षक |
1961 |
09 | डॉ. बिधान चन्द्र राय (1882-1962) चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के द्वितीय मुख्यमंत्री |
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08 | डॉ. धोंडो केशव कर्वे (1858-1962) शिक्षक और समाज सुधारक |
1958 |
07 | गोविंद वल्लभ पंत (1887-1961) स्वतंत्रता सेनानी, उ.प्र के पहले मुख्यमंत्री, देश के दूसरे गृहमंत्री |
1957 |
06 | पं. जवाहरलाल नेहरू (1889-1964) प्रथम प्रधानमंत्री, लेखक, स्वतंत्रता सेनानी |
1955 |
05 | सर डॉ. मौक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या (1861-1962) सिविल इंजीनियर, मैसूर के दीवान (1912) |
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04 | डॉ. भगवान दास (1869-1958) स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, लेखक |
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03 | डॉ. चन्द्रशेखर वेंकट रमन (1888-1970) नोबेल पुरस्कार विजेता, भौतिकशास्त्री |
1954 |
02 | चक्रवर्ती राजगोपालाचारी (1878-1972) स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, अंतिम गवर्नर जनरल |
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01 | डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (1888-1975) भारत के राष्ट्रपति (1962-1967), भारत के उपराष्ट्रपति (1952-1962) |
उम्मीद करते हैं दोस्तों, हमारे द्वारा दी गई जानकारी आप सभी दोस्तों को बेहद पसंद आई होगी और इसे आप अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरूर साझा करेंगे। इसी के साथ कमेंट बॉक्स में दी गई जानकारी के बारे में अपनी राय जरूर देंगे। क्योंकि, दोस्तों कमेंट बॉक्स आपका ही है।
Nice 👍👍
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