न्यूमरोलॉजी या अंक ज्योतिष में 1 से लेकर 9 अंक होते हैं। प्रत्येक अंक का एक विशेष स्थान होता है। गणितीय सहायता से किसी भी व्यक्ति के मूलांक, भाग्यांक और नामांक की गणना कर के उस व्यक्ति के भाग्य का आकलन किया जाता है। आज की यह पोस्ट आपको अंक ज्योतिष के बारे में जानकारी दे रही है। इस जानकारी को प्राप्त करने के पश्चात आप न केवल अपना बल्कि अपने परिवार के सदस्य तथा मित्रों का भी मूलांक, भाग्यांक और नामांक निकालकर भाग्य का आकलन कर सकते हैं।

अंक ज्योतिष क्या है? और मूलांक, भाग्यांक और नामांक कैसे निकाले?
अंक ज्योतिष क्या है? और मूलांक, भाग्यांक और नामांक कैसे निकाले?

न्यूमरोलॉजी : दोस्तों अंक ज्योतिष एक प्राचीन विद्या है। इसके माध्यम से किसी भी व्यक्ति के चरित्र, गुण, क्षमता तथा भविष्य के बारे में जानने की कोशिश की जाती है। आखिर कैसे? कोई केवल 1 से लेकर 9 अंकों की सहायता से हमारे बारे में सटीक भविष्यवाणी कर सकता है। क्या यह सोचने वाली बात नहीं है? बिल्कुल है! इसलिए चलिए आपको बताते हैं; अंक ज्योतिष कैसे काम करता है?

अंक ज्योतिष कैसे काम करता है?

दोस्तों जैसे कि हमने आपको बताया : अंक ज्योतिष में 1 से लेकर 9 तक अंक होते हैं। वास्तव में यह अंक नौ ग्रहों सूर्य, चन्द्र, गुरू, यूरेनस (राहु), बुध, शुक्र, वरूण (केतु), शनि और मंगल की स्थिति को दर्शाते हैं। प्रत्येक ग्रह की अपनी अलग-अलग विशेषता होती है। जिसके आधार पर किसी भी व्यक्ति के बारे में जानकारी दी जाती है।

अंक ज्योतिष की सहायता से किसी भी व्यक्ति के बारे में जानकारी या भविष्य आकलन करने लिए उस व्यक्ति की जन्म तारीख को ध्यान में रखा जाता है। जातक के जन्म तारीख से मूलांक और भाग्यांक प्राप्त किया जाता है।

मूलांक और भाग्यांक कैसे निकाले?

मूलांक : मूलांक निकालना बहुत आसान है। मान लीजिए कि, आप का जन्म किसी भी माह के 5 तारीख को हुआ है; तो आपका मूलांक 5 होगा। इसी प्रकार 1 से लेकर 9 तक जिस किसी तारीख को आपका जन्म हुआ है। आपका मूलांक वही अंक होगा। हालांकि, यहां समस्या यह उत्पन्न होती है; आपका जन्म 13 तारीख या किसी 2 अंक वाले दिनांक को हुआ है। तब आपका मूलांक क्या होगा? ऐसे में आपको दोनों अंको को जोड़ देना है और तब तक जोड़ना है; जब तक आपको एक अंक प्राप्त न हो जाए। यदि आपका जन्म 13 तारीख को हुआ है; तो 1 + 3 = 4 होता है। इसका मतलब आपका मूलांक 4 होगा। यदि आप का जन्म 29 तारीख को हुआ है; तो 2 + 9 = 11 होता है। ऐसे में आपको 11 को फिर जोड़ना होगा। 1 + 1 = 2 यानि आपका मूलांक 2 होगा।

आपको अपना मूलांक समझने में अधिक कठिनाई न हो। इसलिए हम नीचे टेबल की सहायता से आपको आपका मूलांक बता रहे हैं। निम्न टेबल में आपको अपना स्वामी ग्रह कौन सा है? के बारे में भी पता चलेगा।

मूलांक जन्म दिनांक स्वामी ग्रह
1 1, 10, 19, 28 सूर्य
2 2, 11, 20, 29 चंद्रमा
3 3, 12, 21, 30 गुरु
4 4, 13, 22, 31 राहु
5 5, 14, 23 बुद्ध
6 6, 15, 24 शुक्र
7 7, 16, 25 केतु
8 8, 17, 26 शनि
9 9, 18, 27 मंगल

भाग्यांक : आपके जन्म तारीख में उपस्थित सारे अंको को जोड़कर जो एकल अंक प्राप्त होता है; वह आपका भाग्यांक होता है। मान लीजिए कि किसी व्यक्ति का जन्म 05-05-1994 को हुआ है; तो उस व्यक्ति का भाग्यांक निम्न तरीके से निकाला जाएगा।

व्यक्ति के जन्म तारीख से शुन्य को छोड़कर प्रत्येक को जोड़ेंगे। 5 + 5 + 1 + 9 + 9 + 4 = 33. अभी भी हमें एकल अंक प्राप्त नहीं हुआ है। इसीलिए : 3 + 3 = 6. जी हां! अब हमें एकल अंक प्राप्त हो चुका है और यही उस व्यक्ति का भाग्यांक है।

तो देखा दोस्तों अपने हमने कितनी आसानी से अपना मूलांक और भाग्यांक निकाला। मुझे उम्मीद है, अब आप अपना मूलांक और भाग्यांक की गणना करने में कभी चुक नहीं करेंगे।

इसे पढ़ें : मूलांक और भाग्यांक से जाने कौन से ग्रह आप पर क्या प्रभाव छोड़ रहे हैं?

नामांक की गणना कैसे करें?

नामांक की गणना करना, मूलांक और भाग्यांक की गणना करने की तुलना में थोड़ा कठिन साबित हो सकता है। किसी व्यक्ति के नाम के अक्षरों को जोड़ने के बाद जो एकल अंक प्राप्त होता है; वह उस व्यक्ति का नामांक कहलाता है।

किसी भी व्यक्ति का नामांक निकालने के लिए तीन पद्धतियां होती हैं : 1. कीरो पद्धति 2. सेफेरियल पद्धति, और 3. पाइथागोरस पद्धति। इन तीनों ही पद्धति में अंग्रेजी के अक्षरों को अंकों के साथ सूचित किया जाता है।

जिस किसी व्यक्ति का नामांक निकालना है। उस व्यक्ति के पूर्ण नाम (पिता / पति का नाम छोड़कर) को अंग्रेजी में लिखा जाता है। उसके पश्चात उपरांत दिए गए तीन पद्धति में से किसी भी एक पद्धति का उपयोग करके उस नाम में प्रत्येक अंग्रेजी अक्षर के लिए कौन सा अंक सूचित किया गया है, उन सभी अंकों को लिखकर उन अंकों को जोड़ा जाता है। जब एकल अंक प्राप्त हो जाता है; तो वह उस व्यक्ति का नामांक होता है।

मान लीजिए किसी व्यक्ति का नाम DEEPAK PRAJAPATI है। इस व्यक्ति का नामांक हम कीरो पद्धति से निकालेंगे। कीरो पद्धति में : D=4, E=5, P=8, A=1, K=2, R=2, J=1, T=4, I=1 होता है

इसीलिए DEEPAK PRAJAPATI को हम अब कीरो पद्धति में लिखेंगे : 455812 821118141

अब हम इन सभी अंकों को जोड़ेंगे :

4 + 5 + 5 + 8 + 1 + 2 = 25 (DEEPAK)

8 + 2 + 1 + 1 + 1 + 8 + 1 + 4 + 1 = 27 (PRAJAPATI)

25 + 27 = 52

5 + 2 = 7 इसका मतलब यह हुआ कि, उस व्यक्ति का नामांक 7 है।

दोस्तों नीचे हम आपको नामांक निकालने के लिए तीनों पद्धति में, कौन से अंग्रेजी अक्षर के लिए कौन सा अंक का उपयोग किया जाता है? की जानकारी टेबल की सहायता से दे रहे हैं।

अंग्रेजी के अक्षर पाइथागोरस पद्धति कीरो पद्धति सेफेरियल पद्धति
A 1 1 1
B 2 2 2
C 3 3 2
D 4 4 4
E 5 5 5
F 6 8 8
G 7 3 3
H 8 5 8
I 9 1 1
J 6 1 1
K 2 2 2
L 1 3 3
M 3 4 4
N 4 5 5
O 5 7 7
P 6 8 8
Q 7 1 1
R 8 2 2
S 9 3 3
T 1 4 4
U 2 6 6
V 7 6 6
W 5 6 6
X 3 5 6
Y 4 1 1
Z 5 7 7

महत्वपूर्ण जानकारी : दोस्तों मूलांक और भाग्यांक में बदलाव करना नामुमकिन है। हालांकि, नामांक में बदलाव किया जा सकता है। नामांक का असर व्यक्ति के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। यही कारण है की लोग अपने नाम में बदलाव करते हैं।

उम्मीद करते हैं दोस्तों हमारे द्वारा दी गई न्यूरोलॉजी यानी अंक ज्योतिष क्या है? के बारे में जानकारी आपको बहुत पसंद आई होगी और आप अपना मूलांक, भाग्यांक और नामांक निकालना सीख गए होंगे।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Technical Prajapati 2.0 ब्लॉग इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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